क्षमता और प्रतिभा
हर किसी में होती है
लेकिन ज्यादात्तर लोग
सही प्रशिक्षण के अभाव में
या
गलत धारणा या गलत प्रचलन के
कारण आम जिन्दगी जीने को
मजबूर हो जाते हैं |
असफलता या टूटन होने पर
प्रेरक कथा-कहानी, पूजा-पाठ,
संत-समागम, धार्मिक आस्था
इत्यादि पर जोर दिया जाता है
ताकि आस्था और विश्वास जागे
ऐसी सोच रखना और ऐसा करना
अच्छा होने के बावजूद कारगर नहीं है
क्योंकि
आज हर किसी को सफलता चाहिए
और
वह भी कम से कम समय में
और
ऐसे युग में जहाँ प्रतिस्पर्धा अपने चर्म पर है