मिथक-2

असफलता व्यक्ति के अंदर

कई तरह के डर पैदा कर देती है |

 जितनी ज्यादा या देर तक

 असफलता रहती है उतना ही

वह व्यक्ति-विशेष

 अंदरूनी रूप से टूटने लगता है |

 सबसे पहले

 उस टूटन का इलाज होना चाहिए |

 उसकी टूटन का इलाज

 उसकी असफलता का

विश्लेष्ण कर ही हो सकता है |

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