असफलता व्यक्ति के अंदर
कई तरह के डर पैदा कर देती है |
जितनी ज्यादा या देर तक
असफलता रहती है उतना ही
वह व्यक्ति-विशेष
अंदरूनी रूप से टूटने लगता है |
सबसे पहले
उस टूटन का इलाज होना चाहिए |
उसकी टूटन का इलाज
उसकी असफलता का
विश्लेष्ण कर ही हो सकता है |