नवरात्र – 2

दोस्तों, पिछले भाग में हम ने कहा था कि नहाते हुए साबुन का प्रयोग शरीर पर न करें तथा इसके इलावा किसी भी प्रकार का perfume या deo या powder या इतर का प्रयोग इस नवरात्र न करें | | ऐसा कहने के पीछे अभिप्राय ये था कि हम सब विज्ञापन की दुनिया के मोहरे बन चुके और अपनी असलियत को भूलते जा रहे हैं | इस नवरात्र से कुछ अलग किया जाए और वैसे भी हम दिनों-दिन अपने असली रूप से दूर होते जा रहे हैं | नवरात्र के नाम पर ऐसा प्रयोग किया भी जा सकता है | आपके साथी या परिवार वालों को बदलाव महसूस होने के बावजूद भी बदलाव नहीं लगेगा |

पिछले भाग में हमने आपको बताया ही था कि विज्ञान और आध्यात्म के अनुसार हमारे शरीर में Atom और Energy दोनों ही विद्यमान हैं जिसे आध्यात्म ने शिव और शक्ति का नाम दिया | जब शक्ति आपके अंदर है तो फिर आप बाहर कहाँ ढूंड रहे हैं |

इस नवरात्र से आप मैडिटेशन करना शुरू करें | आपको किसी गुरु की आवश्यकता नहीं है | आपको एक मार्गदर्शक की जरुरत होती है जो आपको रास्ता बताता है | हर व्यक्ति का मैडिटेशन का अनुभव अलग-अलग होता है | अतः दूसरों की बातें सुन विचलित न हों या भटके नहीं |

मैडिटेशन के नाम पर भी बहुत भटकाया जाता है | अतः सब ज्ञान और शिक्षा को एक तरफ रख कर एक बार फिर से जीरो से शुरू करें | शुरू करने से पहले कुछ जरूरी बातें : मैडिटेशन करने के लिए किसी ख़ास जगह, दिशा, समय, मन्त्र या वातावरण की आवश्यकता नहीं है |

क्यों ….??

एक बात आप जानते ही हैं  कि यदि आपने सोने के किसी ख़ास दिशा में सोना शुरू कर दिया या अँधेरे में सोना शुरू कर दिया या अच्छे बिछौने पर सोना शुरू कर दिया तो फिर आपको नींद आसानी से नहीं आ पाती है | और यदि आप बहुत थके हुए हैं या एक या दो दिन से सोये नहीं हैं तब आपका ध्यान किसी ओर नहीं जाता | लेटते ही नींद आ जाती है | कहने का तात्पर्य केवल इतना है कि जैसी आदत डालेंगे वैसी आदत पड़ जायेगी | अतः ध्यान के मामले में ऐसी गलती न करें |

हर दो-चार दिन बाद दिशा, जगह, समय या वातावरण बदल कर बैठें ताकि आपको ध्यान की आदत पड़े न कि परिस्थिति के वश हो करें |

एक और बात की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ कि बहुत से लोग ऐसा बोलते हैं कि जोत बुझ गई, कुछ अलग खा लिया, कुछ अलग सोच लिया, कुछ अलग पहन लिया आदि…आदि अन्य बहुत-सी बातों के कारण अपशकुन हो गया या बाधा पड़ गई है | अब जरूर कुछ न कुछ गलत या negative होगा क्योंकि माता रूष्ट हो गई हैं |

दोस्तों, माता के पास इतना समय नहीं है | विज्ञान भी मानने लगा है कि हमारे जैसी लाखो धरती हो सकती हैं और अगर हैं तो जनसंख्या भी हमारी धरती जैसी होगी तो फिर सोचिये कि माँ के पास कहाँ समय है | खैर, ये तो मजाक की बात होते हुए भी सत्य लगती है |

दोस्तों, एक बात याद रखिये कि आप शक्ति से सम्पर्क साधना चाहते हैं | आप अपने अंदर और आस-पास positivity लाना चाहते हैं | शक्ति को आप में कोई interest नहीं है | हाँ, जब सम्पर्क सध गया तो फिर शक्ति आपके साथ रहेगी, चलेगी | इसे आप ऐसे बहुत आसानी से समझ सकते हैं जैसे आप अपनी सुख-सुविधा के लिए घर में बिजली का कनेक्शन लेते हैं | बिजली कम्पनी के पास बहुत ग्राहक हैं उसे नहीं आपको जरूरत है |

 

कोई प्रश्न है तो आप निसंकोच पूछ सकते हैं |

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