भावनात्मक इंसान में
क्रोध, आवेश, उत्तेजना, घृणा,
शक और झल्लाहट
जल्द आ जाती है
और इसी कारण ऐसा इंसान
एकाग्रता पाने में
ज्यादात्तर असफल रहता है
और….
ऐसा ही कुछ
नेगेटिव सोच वाले के
साथ भी होता है
क्योंकि जब सोच पर ज्यादा
जोर दिया जाता है
तब सोच में लगी उर्जा
गलत दिशा पकड़ते ही
बेकार चली जाती है |