विज्ञान भैरव तंत्र – सूत्र- 51
इस विधि को अपनाने पर कुछ समय बाद आप महसूस करेंगे कि आप और वह काम करने वाला इंसान दोनों अलग हैं | इस से आपकी काम करने में एकाग्रता भी बढ़ेगी |
विज्ञान भैरव तंत्र – सूत्र- 51 Read More »
इस विधि को अपनाने पर कुछ समय बाद आप महसूस करेंगे कि आप और वह काम करने वाला इंसान दोनों अलग हैं | इस से आपकी काम करने में एकाग्रता भी बढ़ेगी |
विज्ञान भैरव तंत्र – सूत्र- 51 Read More »
जब आप लेट कर यह क्रिया करते हैं तब आपका ध्यान और साँस का केंद्र अनाहत यानि हृदय या हार्ट चक्र हो गया है | यहाँ से आपकी आगे की यात्रा शुरू होती है |
स्वपन और मृत्यु का सच जानें भाग-3 Read More »
इस सूत्र का दूसरा भाग – धीरे-धीरे लम्बी और गहरी साँस लेने पर दिमाग यानि मन की गति अपने आप धीमे होने लगेगी और फिर मन गायब हो जाता है |
स्वपन और मृत्यु का सच जानें भाग-2 Read More »
इस विधि में आप आज्ञा चक्र यानि तीसरी आँख या अनाहत यानि हृदय चक्र या फिर विशुद्ध चक्र यानि थ्रोट चक्र पर ध्यान लगा कर शुरुआत कर सकते हैं |
श्वास विधि द्वारा ध्यान – 5 Read More »
इस विधि को करते हुए जब आप दर्शक बन जाते हैं तब सब कुछ रुक जाता है | असल में वह रुकता नहीं है बल्कि वह तीसरी आँख की शक्ति में परिवर्तित हो जाता है |
तीसरी आँख या आज्ञा चक्र को सक्रिय करने से पहले कुछ जरूरी बातें जानना बहुत जरूरी है ताकि बाद में आपको कोई परेशानी न आये जैसे बुरी सोच छोड़ना होगा |
तीसरी आँख सक्रिय करें-भाग -2 Read More »
हमारे माथे के बीचोबीच यानि दोनों eyebrow के बीच तीसरी आँख होती है जिसे आज्ञा या अजना चक्र भी कहा जाता है | आइये इसे इस सूत्र विधि द्वारा सक्रिय करें |
तीसरी आँख सक्रिय करें – 1 Read More »
तंत्र, आध्यात्म, योग, ध्यान आदि में सफलता पाने के लिए उन के साथ प्राकृतिक रूप से जुड़ने के इलावा आपको यह करने का उद्देश्य पूरी तरह से साफ़ होना जरूरी है |
सूत्र -26 हमें साँस के प्रति सजग रहने को कहता है लेकिन उस समय जब आने और जाने वाली साँस एक हो गई है यानि सूत्र-24 और 25 का नाभि केंद्र पर मिलन |
श्वास विधि द्वारा ध्यान – 3 Read More »
यदि पद्मासन में नहीं बैठ सकते तो सुखासन में बैठे या लेटें और आँख बंद कर साँस के दोनों छोर जहाँ से साँस पलटती है, पकड़ कर ध्यानावस्था में खो जाएँ |
श्वास विधि द्वारा ध्यान – 2 Read More »
ये मन्त्र गहराई में छुपा है | जब आपकी साँस गहरी होती चली जाती है तब आपके साँस अंदर खींचते हुए ‘अम’ की ध्वनि आती है और छोड़ते हुए ‘साह’ की |
श्वास विधि द्वारा ध्यान – 1 Read More »
इस विधि का मुख्य ध्येय ये है कि आपकी उर्जा जो इस इंद्री पर लग रही थी वह रुक जाए और वह तभी रुक सकती है जब आप रोजाना अपनी इच्छा से करें |
इंद्री विधि द्वारा ‘ध्यान’ साधना – 2 Read More »
एक ही बिमारी का असर अलग-अलग व्यक्ति पर अलग होता है वैसे ही एक तरह की दवा पर भी होता है | यही बात ‘ध्यान’ की विधि पर भी लागू होता है |
इंद्री विधि द्वारा ‘ध्यान’ साधना – 1 Read More »
तंत्र योग है और इससे भी बढ़ कर पूरे का पूरा विज्ञान है | इसे धर्म से जोड़ कर न देखे | हम विज्ञान को धर्म से नहीं जोड़ते वैसे ही इसे भी नहीं जोड़ना चाहिए |
तंत्र-आध्यात्म-मनोविज्ञान – 3 Read More »
तंत्र की एक शाखा : ‘विज्ञान भैरव तंत्र’ में ‘ध्यान’ करने के बहुत आसान तरीके बताये गए हैं जिसे आध्यात्म और मनोविज्ञान में पिरो कर पेश करेंगे |
तंत्र-आध्यात्म-मनोविज्ञान – 2 Read More »
तंत्र की मूल दृष्टि यह है कि पूरा ब्रह्माण्ड एक है | आज का विज्ञान कहता है कि हम सब 99.99 प्रतिशत atom से बने हैं और ब्रह्माण्ड भी ऐसा ही है |