प्रेम, ध्यान, डर और सम्बन्ध
मीरा और राधा का प्रेम सच्चा प्रेम था | आप उसे इकतरफा प्रेम भी कह सकते हो | उनका प्रेम यदि अमर हो सकता है तो आपको सच्चा प्रेमी क्यों नहीं मिल सकता ?????
प्रेम, ध्यान, डर और सम्बन्ध Read More »
मीरा और राधा का प्रेम सच्चा प्रेम था | आप उसे इकतरफा प्रेम भी कह सकते हो | उनका प्रेम यदि अमर हो सकता है तो आपको सच्चा प्रेमी क्यों नहीं मिल सकता ?????
प्रेम, ध्यान, डर और सम्बन्ध Read More »
आनन्द और परमानन्द में कोई ख़ास फर्क नहीं है | वह आनन्द जो लगातार बना रहे उसे परमानन्द कहते हैं | क्या आपकी जिन्दगी में ऐसा कोई आनन्द है ???
प्रेम : ख़ुशी, आनन्द और परमानन्द ? Read More »
समाज में आपसी प्रेम कम होने का मुख्य कारण चारों तरफ फैला डर और घृणा का महौल है क्योंकि घृणा से घृणा और डर से डर आकर्षित होता है …………
प्रेम, बुद्धि और मन Read More »
प्रेम सोच-समझ कर नहीं किया जा सकता | प्रेम हो जाता है और वह किसी से भी हो सकता है | जरूरी नहीं कि प्रेम, प्रेमी और प्रेमिका के बीच ही हो |
प्रेम क्रोध और सम्बन्ध Read More »
अपनी असफलता का कारण किन्ही बाह्रय कारणों को मानते हैं तो भविष्य में आपकी सफलता के चांस लगभग शून्य हैं | क्योंकि कल जो कारण थे वही कल भी रहने वाले हैं |
प्रेम, आकर्षण और धोखा-8 Read More »
आप भूतकाल या भविष्य से परेशान हो रहे हैं | और जो कुछ भी हो रहा है वह आपके मुताबिक नहीं हो रहा है | लेकिन आप इसमें एक काल तो भूल ही गये हैं | वर्तमान काल |
प्रेम, प्यार और सम्बन्ध -7 Read More »
यह लेख उनके लिए है जिन्हें प्यार में धोखा मिलता है या प्यार असफल हो जाता है या रिश्ते में खटास बढ़ती ही जा रही है : वह रिश्ता कोई-सा भी हो सकता है |
प्रेम प्यार और सम्बन्ध -6 Read More »
जब आप अपने शरीर से प्रेम करने लगेंगे तब आपको दूसरे के शरीर से भी प्रेम होने लगेगा | अपने शरीर के बारे में सोचने पर ही दूसरे के शरीर की सोच आएगी |
प्रेम प्यार और सम्बन्ध -5 Read More »
प्रेम या प्यार एक शब्द नहीं है | प्रेम आसमान की तरह अनंत है और हम इस अनंत को रिश्तों या सम्बन्धों के बंधन में बाँधना चाहते हैं | इससे हमारा…
प्रेम प्यार और सम्बन्ध – 4 Read More »
आप परेशान हैं कि भूतकाल या भविष्य में जो कुछ भी हो रहा है वह आपके मुताबिक नहीं हो रहा है | लेकिन आप वर्तमान काल तो भूल ही गये हैं | वही तो…
प्रेम, प्यार, सम्बन्ध – 3 Read More »
प्रेम शब्द सुनते ही दिमाग में सबसे पहले प्रेमी-प्रेमिका फिर पति-पत्नी एवं नजदीकी रिश्तेदार व परिवार वाले और फिर दोस्त-यार और बहुत से ऐसे रिश्ते…
प्रेम, प्यार, सम्बन्ध – 2 Read More »
प्रेम ऐसा शब्द है जिसे अनंत बार कहा और सुना गया है फिर हमें समझ नहीं आया | प्रेम की कोई परिभाषा नहीं है और प्रेम को शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता |
प्रेम, प्यार, सम्बन्ध – 1 Read More »