स्पर्श एवं निहार – ध्यान विधि

विज्ञान भैरव तंत्र – सूत्र- 66 & 80

सूत्र – 66 शारीरिक स्पर्श द्वारा ध्यान

शरीर का स्पर्श या शरीर पर स्पर्श हमें अलग-अलग समय में अलग लगता है लेकिन स्पर्श से हमारे स्नायुतंत्र में गतिविधि अवश्य होती है | बहुत बार हम नजरअंदाज कर देते हैं और बहुत बार नहीं कर पाते हैं | आपकी बगल में यदि कोई गुद-गुदी करता है तो आप हँस पड़ते हैं या आपका प्रेमी यदि स्पर्श करता है तो आप में अलग तरह की आनन्द की अनुभूति होती है | यह ख़ुशी/हंसी या आनन्द की अनुभूति कहाँ से आती है इस पर ध्यान देना है | यही यह सूत्र हमें बताने या समझाने की कोशिश कर रहा है | स्पर्श की अनुभूति हमारी अन्य ज्ञानेन्द्रियों से भिन्न होती है | धीरे से छूने या स्पर्श करने पर तुरंत आनंद की अनुभूति होती है |

इस सूत्र के अनुसार शरीर के किसी भी हिस्से या अंग को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा या स्वयं द्वारा धीरे-धीरे सहलाना है | उस अंग को सहलाना है जिससे आपको तुरंत ख़ुशी या आनंद की अनुभूति हो | आपको इस आनंद के प्रति जागरूक रहना है | आनंद हमारा मूल स्वभाव है। जब भी हमें आनंद का अनुभव होता है तब हम अपने वास्तविक स्वरूप के करीब आ जाते हैं | अतः इसके प्रति जागरूक रहना बहुत जरूरी है | यह हमें हमारे वास्तविक स्व की ओर ले जाता है |

सूत्र – 80 निहारने द्वारा ध्यान

ध्यानयोग एवं तंत्र में त्राटक का बहुत महत्त्व है क्योंकि त्राटक करते हुए आप हमेशा वर्तमान में रहते हैं | आप उस समय जो भी देख रहे होते हैं वह उस समय वहाँ होता है अर्थात आप उस समय वर्तमान में होते हैं और जब तक आप वर्तमान में रहेंगे तब तक आपको भूत या भविष्य की सोच नहीं आएगी | आप इस को अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में भी प्रयोग कर लाभ उठा सकते हैं |

किसी भी सुंदर एवं प्रेम करने वाली सजीव वस्तु या दृश्य या प्रेमी/प्रेमिका या अन्य किसी भी महिला/पुरुष/बच्चे के सामने बैठे और उसे निहारें बिना पलक झपके यानि त्राटक करना है | जब भी आप ध्यान करने के लिए यह विधि प्रयोग करना चाहते हैं तब कोशिश करें कि इसके लिए फोटो का इस्तेमाल न करें | यदि सम्भव न हो तो फोटो या मूर्ति का इस्तेमाल किया जा सकता है | एक और बात का ध्यान जरूर रखें कि जब तक ध्यान न लगने लगे तब तक फोटो या मूर्ति या दृश्य या सजीव को न बदलें |

इस आनंद या ख़ुशी को अपने अंदर समाहित कर ध्यान पर बैठना है और उसी आनन्द को महसूस कर उस में खोना है | जो भी डिप्रेशन में रहते हैं या अधिक सोच से परेशान हैं या ध्यान नहीं लगता है, वह सब इस विधि को अपना सकते हैं | यह बहुत ही आसान विधि है, कोई भी कर सकता है |

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