दोस्तों, आज हम बैंक अकाउंट के प्रकार और खास कर अनलाइन बैंकिंग और पासवर्ड के बारे में विस्तार से बताएंगे |
आप सब का account किसी न किसी बैंक में तो अवश्य ही होगा | पिछले दो-तीन साल से सरकार भी ज़्यादत्तर transaction बैंक से करने पर ही जोर दे रही है | सरकार का ऐसा करने पर जोर देने का मुख्य उद्देश्य काले धन को रोकना है | और धीरे-धीरे सरकार को सफलता भी मिल रही है | बैंक खाते से लेन-देन होने पर टैक्स की चोरी भी रुकने की संभावना रहती है | आप सोच रहे होंगे की मैंने संभावना शब्द का प्रयोग क्यों किया | दोस्तों, ये भारत है यहाँ चोर, सरकार से एक कदम आगे चलने कि कोशिश में रहते हैं | लेकिन अब वक्त बदल रहा है | अभी तक बहुत कम सफलता ही मिली हैं | लेकिन अस्सी प्रतिशत चोरी पर कुछ तो लगाम लगी है | सरकार यदि टैक्स रेट कम कर दे तो सफलता और अधिक हो सकती है |
खैर, आज सरकारी पेमेंट ज्यादात्तर बैंक में ही आ रही है अतः चाहते न चाहते हुए भी बैंक अकाउंट खोलना ही पड़ता है | और जब से UPI Payment का चलन शुरू हुआ है | काफी लोग नकदी कम ही ले कर चलते हैं | अब तो सब्जी वाले तक का upi अकाउंट है | यह दर्शाता है कि अगले दस-पंद्रह साल में लगभग साठ से सत्तर प्रतिशत लेन-देन एक नंबर में होगा | और इसका अर्थ है टैक्स चोरी कम होगी | टैक्स चोरी खत्म तो बड़े से बड़े देश में नहीं हो पाई है तो भारत में कैसे होगी |
दोस्तों, आरबीआई ने कुछ वर्ष पहले एक बैंक खाता शुरू किया था जिसका नाम है BASIC SAVING BANK DEPOSTI ACCOUNT (BSBDA) – Small Account है, यह खाता उन लोगों के लिए बनाया गया था जिनके पास आधार कार्ड या कोई और Proof of Identity नहीं है और कम पढ़े-लिखे हैं और गरीब हैं | सरकारी सहायता अब ज़्यादत्तर इन्ही खातों में आ रही थी | लेकिन अब एक और खाता शुरू किया गया है जिसका नाम तो आपने सुना ही होगा, ‘जन-धन’ खाता | इस खाते के लिए आधार कार्ड होना आवश्यक है | अब किसी भी तरह की सरकारी सहायता इस खाते में आती है | इन दोनों खाता धारक को भारत का नागरिक होना आवश्यक है | BSBDA खाता एक साल के लिए ही खोला जा सकता है | इसको खोलने और लेन-देन करने पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है | अगर आप अगले साल भी चलाना चाहते हैं तो इसकी मियाद बढ़वानी पड़ती है वरना एक साल के बाद यह खाता स्वयमेव ही बंद हो जाता है | इस खाते में साल में एक लाख तक का लेन-देन ही किया जा सकता है | जन-धन खाते के लिए उपरोक्त नियम लागू नहीं होते हैं |
पिछले लगभग दो वर्ष से चल रही बीमारी और इससे पहले सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि के लिए बैंक में खाता होना आवश्यक था | जैसा हमने पहले भी लिखा है कि सरकार पारदर्शी तरीके से काम करने के लिए और टैक्स चोरी या बिचौलियों को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए ही बैंक खातों पर जोर दे रही है |
खैर, बैंक खाता तो ज़्यादत्तर लोगों के पास है ही, लेकिन वह ऑफलाइन प्रयोग ही कर रहे हैं | यानि कि वह बैंक जाकर ही बैंक खाते का प्रयोग कर रहे हैं | बहुत से लोग तो आज भी ATM का प्रयोग करने से हिचकिचाते हैं | बैंक खाते की संख्या के हिसाब से बहुत ही कम लोग ONLINE प्रयोग करते हैं | गाँव की बात तो छोड़ ही दीजिए | शहर के पढ़े-लिखे लोग भी इंटरनेट बैंकिंग सुविधा लेने या प्रयोग करने से कतराते हैं | डर केवल एक ही कि कहीं कोई गड़बड़ न हो जाए, कोई धोखा-धड़ी न हो जाए |
दोस्तों, आज का लेख इन्हीं लोगों के लिए है जो INTERNET BANKING या UPI का प्रयोग करने से घबराते हैं |
दोस्तों, अब अनलाइन बैंक फ्रॉड होने के चांस लगभग खत्म हो चुके हैं, बशर्ते कि आप कोई गलती न कर बैठें |
बैंक खाता खोलने पर आप स्वयं ही इंटरनेट बैंकिंग का फॉर्म भरते हैं और उस में स्वयं ही अपना फोन नंबर देते हैं तो फिर गड़बड़ कैसे हो सकती हैं |
इंटरनेट बैंकिंग का यूजर आइडी और पासवर्ड आपके द्वारा दिए गए ईमेल अकाउंट पर या घर के अड्रेस पर COURIER के द्वारा आता है | पहली बार इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग करते हुए भी OTP आपके मोबाईल नंबर पर ही आता है | और इसके बाद आप जब भी इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग करेंगे, OTP आपके मोबाईल पर आएगा और उसे डालने पर ही आप LOGIN कर पाएंगे |
आप अपना पासवर्ड कभी भी बदल सकते हैं | वैसे भी आजकल काफी बैंक तीन से छह महीने मे नया पासवर्ड बनाने को कहते हैं |
आप जो कुछ भी इंटरनेट बैंकिंग से करते हैं जैसे किसी को पैसे भेजते हैं या किसी के पैसे आपके अकाउंट में आते हैं | आप कुछ खरीदते हुए कार्ड से पेमेंट करते हैं या किसी किश्त का भुगतान करते हैं | कुल मिला कर ये कहा जा सकता हैं कि आपके बैंक अकाउंट से कोई भी लेनदेन यदि होता है तो उसका SMS आपके मोबाईल पर लगभग उसी समय आ जाता है | यहाँ तक कि अगर आपने गलत पासवर्ड भी डाल दिया तो इसकी सूचना भी आपके पास आ जाती है कि आपके अकाउंट पर कोई LOG-IN करने की कोशिश कर रहा है |
अब तो ATM से पैसे तभी निकाल पाते हैं जब आप मोबाईल पर आए OTP को डालते हैं | यानि अब ATM कार्ड से पैसे निकालना भी पूरी तरफ से सुरक्षित है |
अतः फ्रॉड होने के चांस इंटरनेट बैंकिंग या UPI या ATM Card के प्रयोग करने से नहीं होते हैं बल्कि आपकी गलती या नासमझी से होते हैं |
– Password या OTP कभी किसी को न बताएं |
– इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग कभी अनजान कंप्युटर से न करें | आज कल सभी बैंक की मोबाईल एप है अतः उसी का प्रयोग करें और यदि कोई सुविधा उस एप में नहीं है तो आप अपने कंप्युटर या किसी खास जानकार के कंप्युटर से इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग करें लेकिन किसी के बहकावे में आकर किसी अनजान कंप्युटर का प्रयोग न करें या किसी अनजान व्यक्ति को Login User-आइडी या Password न बताएं |
– किसी अनजान व्यक्ति से डर कर या घबरा कर इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित कोई भी बात न बतायें |
– वैसे तो आजकल हर बैंक SMS के द्वारा ग्राहक को सचेत करता ही रहता है कि किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर कि आपकी lottery लगी है और इनाम के लालच में आ कर या आपके किसी रिश्तेदार के साथ कोई हादसा हो गया है और उसे पैसे की जरूरत है या आपके बैंक अकाउंट में फ्रॉड हो गया है और आज और अभी से आपका अकाउंट बंद किया जा रहा है कह कर इनफार्मेशन ली जाती है | कोई भी बैंक ऐसा फोन पर नहीं कहता है और न ही आपके अकाउंट के पासवर्ड या पिन या आइडी की इनफार्मेशन लेता है |
– इंटरनेट बैंकिंग से पेमेंट किसी अनजान और नई वेबसाईट पर जा कर न करें | जब तक आप पूरी तरह से आशस्वत नहीं हो जाते हैं तब तक कोई भी पेमेंट ऐसी वेबसाईट पर न करें | आपको यदि कोई शक हो तो समाधान के लिए अपने किसी जानकार, इंटरनेट या यूट्यूब पर जा कर खोजें | फ्रॉड वेबसाईट की इनफार्मेशन ज़्यादत्तर मिल ही जाती है |
– आज कल एक नई तरह का फ्रॉड हो रहा है इसमें किसी बैंक या इन्श्योरेन्स कंपनी का नाम लेकर आपका, आपके पिता का नाम, घर का पता, फोन नंबर बताया जाता है और फिर कहा जाता है कि आपने आज दस साल पहले एक इन्श्योरेन्स करवाया था और वह इस महीने MATURED हो रहा है | कह कर आपके बैंक की डीटेल ली जाती है |
अतः सतर्क रहें और जागरूक बने |
अगले भाग में हम आपको पासवर्ड कैसे बनाएं कि आप भूलें भी न और वह पासवर्ड कोई तोड़ भी न पाए | बिना किसी डर के इंटरनेट बैंकिंग और UPI प्रयोग कैसे करें विस्तार से बताएंगे |