तंत्र-आध्यात्म-मनोविज्ञान – 2
तंत्र की एक शाखा : ‘विज्ञान भैरव तंत्र’ में ‘ध्यान’ करने के बहुत आसान तरीके बताये गए हैं जिसे आध्यात्म और मनोविज्ञान में पिरो कर पेश करेंगे |
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तंत्र की एक शाखा : ‘विज्ञान भैरव तंत्र’ में ‘ध्यान’ करने के बहुत आसान तरीके बताये गए हैं जिसे आध्यात्म और मनोविज्ञान में पिरो कर पेश करेंगे |
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तंत्र की मूल दृष्टि यह है कि पूरा ब्रह्माण्ड एक है | आज का विज्ञान कहता है कि हम सब 99.99 प्रतिशत atom से बने हैं और ब्रह्माण्ड भी ऐसा ही है |
आज लगभग हर रिश्ते में चाहते न चाहते हुए भी खिंचाव या दरार आने लगी है | यह खिंचाव या दरार क्यों और कैसे पनपती है और इसका क्या हल है ? आइये जानें..
दोस्तों, एक बात याद रखिये कि आप शक्ति से सम्पर्क साधना चाहते हैं | आप अपने अंदर और आस-पास positivity लाना चाहते हैं | शक्ति को आप में कोई interest नहीं है |
रोजमर्रा की जिन्दगी में लगभग हम सब कुछ शरीर से बाहर करते हैं और नवरात्र में भी वही करते हैं | आइये इस नवरात्र से कुछ नया शुरू कर आगे बढ़ते हैं…
आपको सुंदर और अच्छे रैपर में लिपटा गिफ्ट, पहली बार मिला व्यक्ति, सस्पेंस वाली फिल्म या कहानी क्यों उत्साहित करती हैं ? आइये इसी सोच पर आधारित कहानी पढ़ते हैं |
प्रेम में झूठे वादे करना या बहुत समय बाद अचानक सच्चाई बता कर अलग हो जाना धोखा है इसमें कोई शक नहीं | ऐसे लोगों को सबक जरूर सिखाना चाहिए |
सबक तो सिखाना होगा Read More »
बहुत बार लक्ष्य तो आप ठीक चुनते हैं लेकिन रास्ता दूसरों को देख कर अपनाते हैं जिस कारण आपको लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती | आइये इस सोच पर आधारित कहानी पढ़िए |
शरीरिक और मानसिक बल की भी एक सीमा है और हम यदि अपनी सीमा पहचान कर आगे बढ़ते हैं तो हमारी उड़ान असीमित हो जाती है | इसी सोच पर आधारित ये कहानी पढ़िए |
शेर की तरह जीना सीख लिया Read More »
Enthusiasm/उत्साह/जोश केवल शैक्षिक विषय नहीं है यह रोजमर्रा की ज़िन्दगी से जुड़ा हुआ शब्द है | अतः ऐसे विषय को व्यवहारिक तरीके से समझना और समझाना चाहिए |
उत्साह/जोश कैसे बढायें Read More »
आनन्द और परमानन्द में कोई ख़ास फर्क नहीं है | वह आनन्द जो लगातार बना रहे उसे परमानन्द कहते हैं | क्या आपकी जिन्दगी में ऐसा कोई आनन्द है ???
प्रेम : ख़ुशी, आनन्द और परमानन्द ? Read More »
समाज में आपसी प्रेम कम होने का मुख्य कारण चारों तरफ फैला डर और घृणा का महौल है क्योंकि घृणा से घृणा और डर से डर आकर्षित होता है …………
प्रेम, बुद्धि और मन Read More »
प्रेम सोच-समझ कर नहीं किया जा सकता | प्रेम हो जाता है और वह किसी से भी हो सकता है | जरूरी नहीं कि प्रेम, प्रेमी और प्रेमिका के बीच ही हो |
प्रेम क्रोध और सम्बन्ध Read More »
व्यक्तित्व विकास या सफलता पाने के लिए आपके अंदर दृढ़ता अर्थात किसी भी काम को करने की इच्छा तीव्र हो | यह तभी होगा जब मन में भटकन लेश मात्र न हो |
व्यक्तित्व विकास कैसे करें Read More »
अपनी असफलता का कारण किन्ही बाह्रय कारणों को मानते हैं तो भविष्य में आपकी सफलता के चांस लगभग शून्य हैं | क्योंकि कल जो कारण थे वही कल भी रहने वाले हैं |
प्रेम, आकर्षण और धोखा-8 Read More »
आप भूतकाल या भविष्य से परेशान हो रहे हैं | और जो कुछ भी हो रहा है वह आपके मुताबिक नहीं हो रहा है | लेकिन आप इसमें एक काल तो भूल ही गये हैं | वर्तमान काल |
प्रेम, प्यार और सम्बन्ध -7 Read More »
यह लेख उनके लिए है जिन्हें प्यार में धोखा मिलता है या प्यार असफल हो जाता है या रिश्ते में खटास बढ़ती ही जा रही है : वह रिश्ता कोई-सा भी हो सकता है |
प्रेम प्यार और सम्बन्ध -6 Read More »
आप जल्द सफलता पाना चाहते हैं जबकि आप लगातार असफल हो रहे हैं या नकारात्मक सोच रखते हैं या हर बात में नकारात्मकता दिखती है तो ये लेख पढ़ें |
व्यक्तित्व विकास – 2 Read More »
जब आप अपने शरीर से प्रेम करने लगेंगे तब आपको दूसरे के शरीर से भी प्रेम होने लगेगा | अपने शरीर के बारे में सोचने पर ही दूसरे के शरीर की सोच आएगी |
प्रेम प्यार और सम्बन्ध -5 Read More »
व्यक्तितव विकास के लिए व्यक्तित्व का चहुमुखी विकास होना बहुत जरूरी है | इच्छाशक्ति और एकाग्रता से आप जीवन में सब कुछ पा सकते हैं |