श्वास विधि द्वारा ध्यान – 6
रोजमर्रा की जिन्दगी में काम करते हुए ध्यान करें
दोस्तों, आज के समय की परेशानी और रोजमर्रा की जद्दोजहद देख और महसूस कर के ही हर इंसान मैडिटेशन और शरीरिक योग की तरफ आकर्षित हो रहा है | आप में से बहुत लोग ऐसा कह सकते हैं कि हम न तो परेशान हैं और न ही जूझ रहे हैं फिर भी हम मैडिटेशन या शरीरिक योग करना चाहते हैं या कर रहे हैं |
दोस्तों, आज के युग में हर कोई किसी न किसी क्षेत्र में संघर्ष अवश्य कर रहा है | कोई सुंदर दिखना चाहता है तो कोई बिमारी से बचना चाहता है, कोई बीमार होने से डरता है, कोई ढ़ेरों पैसा कमाना चाहता है, कोई अच्छी नौकरी पाना चाहता है तो कोई व्यापार में नई उंचाई छूना चाहता है इत्यादि | ऐसी हजारों बातें हैं जिन पर हम चाहे न चाहे जूझ रहे हैं और शन्ति की तलाश कुल मिला कर मैडिटेशन की ओर खींच लाती है |
दोस्तों, जो भी ध्यान प्रक्रिया करते हैं वह भलीभांति इस बात से परिचित होंगे कि पहले-पहल ध्यान के लिए समय निकालना मुश्किल लगता है और जब काफी कोशिश के बाद कामयाब हो जाते हैं तब शरीर और मन दोनों बैठने नहीं देते | जो कुछ दिन ध्यान करने में कामयाब हो जाते हैं तो उनका मन कुछ समय बाद भटकाने लगता है | उन्हें महसूस होता है कि उनकी मानसिक स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई है या मन पहले से ज्यादा भटकने लगा है | बहुत बार रात को अचानक नींद खुल जाती है और फिर नींद आती नहीं है | उस समय मैडिटेशन के लिए बैठो तो बैठ नहीं पाते और नींद के झोंके आने लगते हैं | लेटो तो नींद नहीं आती | एक अजीब समस्या उत्पन्न हो जाती है |
कुछ लोगों को शुरू-शुरू में मैडिटेशन करना बहुत अच्छा लगता है और ध्यान का समय भी बढ़ने लगता है | सब ठीक चल रहा होता है और फिर अचानक सब कुछ पलट जाता है | दोस्तों, परेशान न हों | यह सब के साथ होता है और आपको जान कर हैरानी होगी कि सालों ध्यान करने के बाद भी अचानक ऐसा अनुभव हो जाता है या ऐसा समय आ जाता है | यह प्रकृति या ब्रह्माण्ड का नियम है | यहाँ कुछ भी हर समय एक-सा नहीं चलता | परिवर्तन और परिवर्तन का अनुभव ईश्वर के अनुभव होने जैसा ही है |
क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है ?
दोस्तों, शरीर और मन के लिए मैडिटेशन एक नया काम है और आपने अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में ये अवश्य महसूस किया होगा कि शरीर को कोई भी नया काम कभी भी पसंद नहीं आता | वह हमेशा एक-सा काम करने में इच्छुक रहता है | अतः हैरान या परेशान न हों | इसी प्रकार मन को शांत बैठने या जागृत अवस्था में अवचेतन मन से सम्पर्क करना चेतन मन को कभी पसंद नहीं आता | अतः आप मन और शरीर की न सुनें और अभ्यास करते रहें |
दोस्तों, आपने एक बात और महसूस की होगी कि दिन में एक बार मैडिटेशन करना प्रयाप्त नहीं लगता | इसके इलावा आपने एक बात और महसूस की होगी कि जैसे-जैसे आप मैडिटेशन का समय बढ़ाते जाते हैं वैसे-वैसे आपकी भटकन बढ़ती जाती है | उसका कारण केवल एक ही होता है कि मन को जब आप काबू करने की कोशिश करते हैं या उसे शांत करने की कोशिश करते हैं तब उसे जब भी मौका मिलता है वह आपको भटकाने लागता है |
शरीरिक योग और ध्यान दोनों अलग-अलग शाखा हैं | इस में कोई शक नहीं कि शरीरिक योग के जरिये भी ध्यान किया जा सकता है लेकिन वह शुरूआती है, इससे ज्यादा और कुछ नहीं | दोस्तों, ध्यान या मैडिटेशन कोई पढ़ाई-लिखाई नहीं है जो आप सीख सकते हैं | ध्यान कोई किसी को नहीं सिखा सकता | ध्यान एक ऐसी क्रिया है जो केवल और केवल मानसिक यानि मन से सम्बन्धित है और उसे केवल आप ही कर सकते हैं | ध्यान क्रिया समझने और जानने के लिए पढ़ना, सुनना या online or offiline classes join करना गलत नहीं है |
जीवन में यदि कोई परेशानी आती है तो जिस प्रकार एक अच्छा दोस्त मदद करता है या परेशानी के समय आपके साथ खड़ा होता है वैसे ही यहाँ पर भी आपको एक अच्छे दोस्त की जरूरत है न कि किसी गु.. की | इसके ईलावा यदि आप स्वयम अपने गुरु या मार्गदर्शक या दोस्त बने तो ज्यादा अच्छा होगा |
खैर, कारण या कारक कोई भी और कुछ भी हो, आप मैडिटेशन करना चाहते हैं और हम भी चाहते कि आप मैडिटेशन करें |
दोस्तों, इस सूत्र में बताई गई विधि बहुत ही आसान है या यूँ कहें कि विज्ञान भैरव तंत्र में बताई गई विधियों में से यह विधि सब से आसान है | लेकिन यह विधि श्वास या साँस को महसूस करने और उससे एकाग्रता प्राप्त करने की एक शुरूआती विधि है | यह विधि उन सब के लिए है जो मैडिटेशन में एकाग्रता प्राप्त नहीं कर पाते | एकाग्रता हमारे दैनिक जीवन के लिए भी बहुत आवश्यक है और आध्यात्म के लिए भी | यह विधि आप में एकाग्रता का संचार करेगी |
दोस्तों, आज के दौर में एक सफल इंसान बनने के लिए एकाग्रता की बहुत आवश्यकता है और इस विधि द्वारा आप बहुत जल्दी एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं | आप रोजमर्रा की जिन्दगी के काम में या पढ़ाई में एकाग्रता प्राप्त करने के लिए इस विधि का लाभ उठा सकते हैं | यहाँ तक कि इस विधि द्वारा आप दुःख पहुँचाने वाली याद, बुरी आदत, गलत सोच आदि से भी छुटकारा पा सकते हैं |
दोस्तों, यह विधि बहुत ही आसान है | आप रोजमर्रा की जिन्दगी में दिन भर जो भी काम करते हैं उन में से जिन में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता न हो उन कार्य या क्रिया को करते हुए यह विधि की जा सकती है |
आप दिन भर में जो भी कार्य कर रहे हैं | वह कार्य करते हुए आप साँस तो लेते ही हैं | बस इस सूत्र में बताई गई विधि अनुसार आपको दो साँसों के मध्य पर ध्यान देना है | इस का मतलब है कि साँस लेने के बाद जब आप साँस छोड़ते हैं, इन दोनों के बीच एक क्षण से भी कम समय का अंतराल आता है, बस आपने उसी अंतराल पर अपना ध्यान केन्द्रित कर जो भी कार्य कर रहे हैं वह करते रहना है |
दो सांसों के बीच के अंतराल में अपनी जागरूकता को केंद्रित करना एक बहुत ही शक्तिशाली ध्यान अभ्यास है | इसे आप हल्के में न लें और न ही इससे होने वाले परिवर्तन को | इस ध्यान विधि के द्वारा आप दिन के प्रत्येक क्षण में दो सांसों के बीच के अंतराल के प्रति जागरूक रहेंगे और यही मैडिटेशन है |
यह विधि थोड़ी मुश्किल भी है क्योंकि दो श्वास के अंतराल को समझना या उसे पकड़ कर ध्यान उस पर केन्द्रित करना और साथ ही साथ दिनचर्या के काम भी करना शुरू-शुरू में मुश्किल तो है लेकिन अभ्यस्त होने पर बहुत ही फायदेमंद भी है | आप इस विधि द्वारा बिना किसी ख़ास प्रयास के ध्यान में एक्सपर्ट भी जो जाओगे और जो भी कार्य कर रहे थे वह भी आप जल्दी और अच्छे ढंग से कर पाओगे | इस विधि को करते हुए आप में एकाग्रता बढ़ेगी जो आपको फ़ालतू की सोच, कार्य या आदत से बिना किसी ख़ास मेहनत के छुटकारा दिलवा देगी |
इस विधि को करते हुए हिम्मत न हारें | आप अपने इरादे में जितने दृढ़ होंगे, उतनी जल्दी आपको सफलता मिलेगी | आप यह क्रिया कहीं भी, किसी भी स्थान पर कर सकते हैं | यहाँ तक कि पैदल चलते हुए, नहाते हुए, खाना खाते हुए, किसी से बात करते हुए बस आपको दो सांसों के बीच के अंतराल के प्रति सजग रहना है | वास्तव में यही ध्यान है और इस विधि द्वारा आप पूरे दिन ध्यानावस्था में रहेंगे |
इस विधि को अपनाने पर कुछ समय बाद आप महसूस करेंगे कि आप और वह काम करने वाला इंसान दोनों अलग हैं | इस से आपकी काम करने में एकाग्रता बढ़ेगी जो आपकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगी और साथ ही साथ जब आप मैडिटेशन करेंगे उस समय आपका ध्यान इस एकाग्रता के कारण उच्च क्ष्रेणी का हो जाएगा |