आइये इस नवरात्र से कुछ नया शुरू करते हैं |
विज्ञान कहता है कि हमारा पूरा ब्रह्माण्ड, परमाणु यानि Atom और उर्जा यानि Energy से बना है | शायद यही सोच रखते हुए ही आध्यात्म में शिव और शक्ति का उल्लेख किया गया है |
विज्ञान और आध्यात्म दोनों ही कहते हैं कि Atom (परमाणु) यानि शिव और Energy (उर्जा) यानि माँ शक्ति यानि दुर्गा (आप किसी भी नाम से पुकार सकते हैं या आस्था रख सकते हैं) दोनों पहले भी थे जब ब्रह्माण्ड नहीं था और तब भी रहेंगे जब ब्रह्माण्ड नहीं होगा |
क्या आप जानते हैं कि आप उस शक्ति (विज्ञान की भाषा में Energy) की उपासना कर रहे हैं जो असल में सर्वशक्तिमान है जो बिजली की तेजी से कहीं भी पहुँच सकती है | विज्ञान, प्रकाश की गति बताता है लेकिन हम जिस शक्ति की बात कर रहे हैं वह उस से भी कहीं ज्यादा तेज है | यही शक्ति, आध्यात्म में कुण्डलिनी शक्ति के नाम से जानी जाती है | अर्थात यह शक्ति यदि ब्रह्माण्ड में विद्यमान है तो यही शक्ति हमारे शरीर के अंदर भी है | श्री कृष्ण ने तभी तो कहा था कि पूरे का पूरा ब्रह्माण्ड हमारे अंदर भी है |
अब बात करते हैं कि नवरात्र में असल में आप क्या कर रहे हैं ?????
हम रोजमर्रा की जिन्दगी में लगभग सब कुछ शरीर से बाहर करते हैं और नवरात्र में भी वही करते हैं | आप पूजा-स्थल जाते हैं, पूजा-पाठ करते हैं, माला का जाप करते हैं, मन्त्र जाप करते हैं, तिलक लगाते हैं, कुछ अलग से कपड़े पहनते हैं, जमीन पर सोते हैं, व्रत रखते हैं और सब से बड़ी बात की आप ध्यान करते हैं – यह सब शरीर से बाहर है |
शायद आपको ध्यान वाली बात समझ नहीं आ रही होगी | दोस्तों, जब तक आपका मन है तब तक ‘ध्यान’ कहाँ है वह बस अपने आप को छलावा मात्र ही तो है |
आगे बढ़ने से पहले हम एक बात और आपको बताना चाहते हैं कि नवरात्र में आप जो कुछ भी कर रहे हैं उस में से कुछ भी छोड़ने को नहीं कह रहे हैं | आप तभी छोड़ें जब आपके अंदर से आवाज आये | हमारे कहने भर से बिलकुल मत छोड़िये |
हम आपको कुछ बातें उन सब इलावा करने को कह रहे हैं | वह इस नवरात्र से शुरू कर देखिये | आपको पसंद आयेगी तो फिर हम आपको रोजमर्रा की जिन्दगी में उसे कैसे अपनाना है वह बतायेंगे |
1.सुबह जब आप नहाते हैं तो साबुन का प्रयोग करते हैं | इस नवरात्र में इसे छोड़ कर देखिये आप अवशय ही कुछ अलग महसूस करेंगे | आइये अब जानते हैं कि इसे प्रयोग कैसे करना है –
- आप यदि बाल्टी भर कर नहाते हैं तो उसमें तीन चुटकी नमक डालें और फिर नहायें | यदि शावर से नहाते हैं तो एक डिब्बे में तीन चुटकी नमक डाल शावर में नहाते हुए इसे सिर से शावर के पानी के साथ शरीर पर उड़ेले |
- शरीर को हल्के हाथ से मलें जैसे साबुन लगाते हुए मलते हैं |
- साबुन का प्रयोग आप चेहरे, बालों और प्राइवेट पार्ट पर कर सकते हैं |
- आप चाहें तो पूरे नवरात्र में बिना साबुन के स्नान कर सकते हैं और चाहें तो एक या दो दिन के बाद साबुन का प्रयोग कर फिर से एक या दो दिन बिना साबुन का प्रयोग किये स्नान कर सकते हैं | आपका जैसा दिल माने |
2.आप चेहरे पर कोई क्रीम या अन्य का प्रयोग करना चाहें तो कर सकते हैं | हमारी राय में यदि अपने असली स्वरुप में ज्यादा से ज्यादा रहें तो अच्छा है | इसके लिए आप चाहें तो क्रीम या अन्य का प्रयोग बंद या कम कर सकते हैं |
3.यदि किसी भी प्रकार का perfume या deo या powder या इतर का प्रयोग करते हैं तो हमारी राय में इस नवरात्र न करें |
यह सब हम आपको अपने असली स्वरुप में रहने के लिए ही कह रहे हैं | आप पायेंगे कि शारीरिक गंध पहले से कम हो गई है और शरीर पहले से ज्यादा तरोताजा महसूस होगा |
इससे आगे की बात जानने के लिए कल का इन्तजार करें….