मीरा और राधा का प्रेम सच्चा प्रेम था | आप उसे इकतरफा प्रेम भी कह सकते हो | उनका प्रेम यदि अमर हो सकता है तो आपको सच्चा प्रेमी क्यों नहीं मिल सकता ?????
आगे पढ़ें ..........प्रेम : ख़ुशी, आनन्द और परमानन्द ?
आनन्द और परमानन्द में कोई ख़ास फर्क नहीं है | वह आनन्द जो लगातार बना रहे उसे परमानन्द कहते हैं | क्या आपकी जिन्दगी में ऐसा कोई आनन्द है ???
आगे पढ़ें ..........प्रेम, बुद्धि और मन
समाज में आपसी प्रेम कम होने का मुख्य कारण चारों तरफ फैला डर और घृणा का महौल है क्योंकि घृणा से घृणा और डर से डर आकर्षित होता है ............
आगे पढ़ें ..........प्रेम क्रोध और सम्बन्ध
प्रेम सोच-समझ कर नहीं किया जा सकता | प्रेम हो जाता है और वह किसी से भी हो सकता है | जरूरी नहीं कि प्रेम, प्रेमी और प्रेमिका के बीच ही हो |
आगे पढ़ें ..........प्रेम, आकर्षण और धोखा-8
अपनी असफलता का कारण किन्ही बाह्रय कारणों को मानते हैं तो भविष्य में आपकी सफलता के चांस लगभग शून्य हैं | क्योंकि कल जो कारण थे वही कल भी रहने वाले हैं |
आगे पढ़ें ..........प्रेम, प्यार और सम्बन्ध -7
आप भूतकाल या भविष्य से परेशान हो रहे हैं | और जो कुछ भी हो रहा है वह आपके मुताबिक नहीं हो रहा है | लेकिन आप इसमें एक काल तो भूल ही गये हैं | वर्तमान काल |
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