कर्म करने के बाद प्रश्न उठने का मतलब है
कि आपने विचार या भावना के तल पर ही कर्म किया है
आप उससे आगे बढ़ ही नहीं पाए
आपने मंथन कर भाव के तल पर कर्म नहीं किया है
विचार-भावना-मंथन-भाव-कर्म
भावना से विश्वास जन्म लेता है
और विश्वास हमेशा डगमगाता है
जबकि भाव के तल पर
आत्मविश्वास जन्म लेता है जो सदाबहार होता है
जैसे मीरा और राधा का प्रेम
अतः भावना से वशीभूत हो कर नहीं
मंथन कर भाव के तल पर कर्म करें