रोज एक नया धर्म जन्म ले रहा है
और धर्म के ठेकेदार आज भी
जो लिखा या बोला गया है
उससे आगे न तो सोचने
और न ही बोलने देते हैं
तभी तो धर्म पिछड़ रहा है
और विज्ञान आगे बढ़ रहा है
रोज एक नया धर्म जन्म ले रहा है
और धर्म के ठेकेदार आज भी
जो लिखा या बोला गया है
उससे आगे न तो सोचने
और न ही बोलने देते हैं
तभी तो धर्म पिछड़ रहा है
और विज्ञान आगे बढ़ रहा है