नवारंभः - एक नई शुरुआत
आइये एक बार फिर से शुरुआत करते हैं | जहाँ पर छोड़ा था वहीं से आगे बढ़ते हैं ||
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आइये मैडिटेशन सीखें भाग – 4
अब साँस की वह विधि बताते हैं जिस से आपका अधिक सोच, गुस्सा, अनिद्रा और अन्य प्रकार की मानसिक और शरीरिक बिमारी से पीछा छूट जायेगा और ध्यान भी लगेगा |
आगे पढ़ें ..........आइये मैडिटेशन सीखें -3
जब मैडिटेशन के लिए बैठते हैं तो पहले शरीर और फिर अवचेतन मन आपको परेशान करता है | हमें अवचेतन मन के पार जाना होता है और ज्यादात्तर यही अटक जाते हैं |
आगे पढ़ें ..........आइये मैडिटेशन सीखें – 2
वह इंसान जो वर्तमान में रहते हैं | जिन्हें कोई मानसिक बिमारी या शरीरिक बिमारी नहीं है | केवल वह ही मैडिटेशन सीधे तौर पर शुरू कर सकते हैं या करना चाहिए |
आगे पढ़ें ..........आइये मैडिटेशन सीखें -1
इन सब से अलग हमारे आज के निजी जीवन में ध्यान का अर्थ हर किसी के लिए अलग है | कुछ ध्यान का अर्थ मन को शांत करना मानते है... यह जानते हुए कि.....
आगे पढ़ें ..........विज्ञान भैरव तंत्र क्या है ????
विज्ञान भैरव तंत्र में बताई गई 112 विधि उनके लिए हैं जो शरीर के रास्ते ध्यान लगाना चाहते हैं | जो प्रेमी हैं उनके लिए प्रेम ही ध्यान मार्ग है |
आगे पढ़ें ..........तंत्र – प्रेम और सेक्स
तंत्प्रेर कहता है कि प्रेम स्वयम ही ध्यान है जिससे ईश्वर तक खिंचे चले आते हैं | शरीर की जरूरत केवल उन्हें है जो प्रेम को जगाने में असफल हैं |
आगे पढ़ें ..........तंत्र और तांत्रिक ????
आइये तंत्र का इतिहास जाने – यह जान कर आपकी तंत्र के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी और साथ ही साथ यह भी ज्ञात होगा कि जो प्रचलित होता है जरूरी नहीं सच भी हो |
आगे पढ़ें ..........वजन शून्य – ध्यान विधि-2
वजन-शून्य होने पर आपका, सोच से भी पीछा छूट जाता है क्योंकि वह भी शरीर का हिस्सा है और अब आपका शरीर आपके साथ नहीं है | बल्कि अब आप आत्मा के साथ हैं |
आगे पढ़ें ..........वजन शून्य – ध्यान विधि-1
वजन-शून्य होने पर आपका, शरीर और सोच दोनों से सम्बन्ध टूट जाता है | ध्यानावस्था में शरीर और सोच ही सबसे बड़े बाधक है और अब आपका शरीर आपके साथ नहीं है |
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